भ्रष्टाचार रोधी इस आयोग का कहना है कि सूची ने रियल एस्टेट में फ़ायदे के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया और रिश्वत भी ली। सरकारी मीडिया ने यह ख़बर गुरूवार को दी है।
भ्रष्टाचार रोधी क़ानून की धारा 55 के अन्तर्गत सूची को 15 वर्ष की सज़ा हो सकती है। उनपर आरोप है कि उन्होंने यंगून के पूर्व मुख्यमंत्री से छह लाख डाॅलर की रिश्वत ली और साथ ही सोने की सात छड़ें भी।
म्यांमार के भ्रष्टाचार रोधी आयोग के अनुसार सूची ने अपनी माता के नाम पर बने एक फाउंडेशन के लिए बाज़ार से सस्ती क़ीमत पर संपत्ति हासिल करने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया। हालांकि सूची के समर्थकों का कहना है कि यह आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
दूसरी ओर म्यांमार में मौजूद संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रतिनिधि कार्यालय ने रिपोर्ट जारी करके घोषणा की है कि इस देश के पूर्वी प्रांत कायाह में सेना और सशस्त्र राष्ट्रीय गुटों के बीच झड़पों की वजह से आम लोग बहुत संकट में हैं। राष्ट्रसंघ की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि थाईलैण्ड की सीमा पर आम लोगों पर सेना के हमलों से बहुत बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं जबकि हज़ारों लोग अपने घर छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में भाग गए है।
जो लोग सेना के हमलों से दूसरे स्थानों को भाग गए हैं उनके पास खाने-पीने के सामान की कमी है। राष्ट्रसंघ का कहना है कि म्यांमार के सैनिक लोगों को पहुंचाई जाने वाली मानवीय सहायता के मार्ग में बाधा बन रहे हैं और यह सामग्री उनतक पहुंचने नहीं दे रहे हैं। म्यांमार में सेना और राष्ट्रीय सशस्त्र दलों के बीच झड़पों के कारण एक लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ने पर विवश हुए हैं।